Thursday 28 June 2012

भगवान का नाम लेने से मंगल ही मंगल : अतुल जी महाराज

भगवान को मानना भक्ति नहीं है। परमात्मा से कोई न कोई संबंध मानना हो भक्ति है। संबंध बढ़ने से भक्ति बढ़ती जाती है। उक्त बातें अ‌र्द्धकुंभ के विशाल ज्ञान मंच से श्री मद् भागवत कथा के दौरान अतुल कृष्ण भारद्वाज जी ने कहीं। श्री अतुल जी ने कहा कि भगवान का नाम जैसे भी लो मंगल ही मंगल है। सिर्फ भावना सच्ची होनी चाहिये। भगवान भक्त की आवाज सुन चले जाते हैं। वहीं उन्होंने भागवत कथा के दौरान कृष्ण जन्मोत्सव की विस्तृत चर्चा की। कथा के बीच में मेरा अवगुण भरा शरीर, प्रभु जी कैसे तारोंगे जैसे अन्य भक्तिमय भजनों पर श्रद्धालुगण झूमते रहें। उन्होंने कहा कि सिमरिया में जितना भजन करोगे। अनंत फल पाओगे।


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