रुद्रपुर: कथावाचक अतुल कृष्ण भारद्वाज कहते हैं कि त्रेता युग में शिक्षा-दीक्षा वर्तमान युग की तरह नहीं होती थी। गुरुओं के आश्रमों में महल व घर त्याग कर लोग शिक्षा ग्रहण करते थे। साथ ही शिक्षा में भेदभाव नहीं होता था। उनका कहना है कि श्रीराम के आदर्शो पर चलकर ही समाज का विकास किया जा सकता है। समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर किया जा सकता है। भारत विकास परिषद की ओर से गांधी पार्क में चल रही श्रीराम कथा में बुधवार को पांचवें दिन मुख्य यजमान के तौर पर व्यवसायी विजय भूषण गर्ग तथा पूजक के रूप में ओमप्रकाश अरोरा, मनोज अरोरा, राजेंद्र तुल्सियान, रोहित गोयल, बलजीत सिंह तलवार, मंगल सिंह ने सपरिवार हिस्सा लिया। दूधिया मंदिर के महंत शिवानंद महाराज, जिपं सदस्य उर्मिला रानी चुघ, पूनम चंद अग्रवाल, प्रगति अग्रवाल, रीना चौधरी, नीलम कालड़ा, रामगोपाल गुप्ता, भारत भूषण चुघ, महेंद्र गोयल, मदनलाल खेड़ा, रोशनलाल अग्रवाल, मुखखराज गुलाटी, नंदलाल अरोरा, जगदीश अनेजा, अमित मित्तल, कृष्णलाल अरोरा, डॉ. वेदप्रकाश गुप्ता, आनंद अग्रवाल कथा सुनने पहुंचे।
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