Saturday 23 March 2013

रूप की जगह हृदय को देखें


रूप की जगह हृदय को देखें: अतुल जी


चित्रकूट धाम पुराने मंडी परिसर में चल रही श्रीराम कथा के आठवें दिन संत अतुल कृष्ण भारद्वाज ने प्रभु श्रीराम के पंचवटी में विश्राम का प्रसंग सुनाया।उन्होंने पंचवटी का महत्व बताते हुए कहा कि हर वृक्ष का अपना अपना महत्व है। पाकड़, आम, पीपल, आंवला, वट के वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए। प्रभु श्रीराम के आने से पंचवटी और भी हरी-भरी हो गई, क्योंकि प्रभु प्रकृति प्रेमी है । आज हम प्रकृति से दूर हो रहे है । अपनी जीवन शैली को अप्राकृतिक बना दिया है। हमें अपने घर अथवा घर के आसपास वृक्ष लगाने चाहिए।

सूर्पणखा प्रसंग का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि सूर्पणखा प्रभु श्रीराम का दर्शन करते ही उन पर मुग्ध हो गई। प्रभु ने उसे लक्ष्मण के पास भेज दिया और लक्ष्मण ने प्रभु के पास। इस प्रकार जब वह काफी परेशान हो गई तब उसने क्रोधित होकर भक्ति रूपी सीता पर आक्रमण कर दिया। तब लक्ष्मण ने उसकी नाक, कान काटकर उसके रूप को बिगाड़ दिया। इस तरह प्रभु हमें शिक्षा देते है  कि हमें रूप मोह में न पड़कर भक्ति रूपी हृदय को देखना चाहिए।

अभिमान को स्वामी नहीं दास बनाएं

 अभिमान को स्वामी नहीं दास बनाएं: अतुल कृष्ण
गाजियाबाद, जागरण संवाद केंद्र : मनुष्य को कभी अभिमान नहीं करना चाहिए। भक्ति के लिए जरूरी है कि आप अभिमान को स्वामी नहीं, बल्कि दास बनाए। अतुल कृष्ण भारद्वाज ने श्रीरामलीला समिति द्वारा कविनगर रामलीला मैदान में आयोजित रामकथा में यह बात कही। राम कथा के छठे दिन उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में भारत के संतों ने भक्ति भाव का प्रचार प्रसार किया। भारत के महापुरुष कभी अभिमानी नहीं रहे। उन्होंने कहा कि वनवास के दौरान राक्षसों के प्रकोप से सूख चुकी पंचवटी को भगवान राम ने हरा भरा किया। इस तरह भगवान ने संस्कृति की रक्षा के साथ पर्यावरण सुरक्षा का भी कार्य किया। कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं से कथा व्यास ने पर्यावरण संरक्षण में सहयोग देने को कहा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण बचेगा तो संस्कृति बचेगी, संस्कृति बचेगी तो भक्ति और भक्ति से जीवन को बचाया जा सकता है। अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि धर्म प्रेम सिखाता है और अर्धम घृणा का भाव जगाता है। मनुष्य को धर्म के रास्ते को अपना कर संपूर्ण प्रकृति से प्रेम करना चाहिए।

कन्या भ्रूण हत्या की तो नहीं होगी बेटों की शादी


कन्या भ्रूण हत्या की तो नहीं होगी बेटों की शादी
05 Dec 2012 Moradabad

मुरादाबाद। गर्भ में कन्या की हत्या करने और कराने वाले दोनों ही नर्क में जाएंगे। भ्रूण में शरीर को तो आप मार सकते हैं मगर आत्मा को नहीं। बेटे की चाह में जो बेटी को नकारते हैं उनके बेटे तो शायद विवाह से वंचित रह जाएं क्यों कि लड़कियों की संख्या कम होती जा रही है, मगर लड़कियां अपना भाग्य स्वयं लेकर आती हैं और वह कुंआरी नहीं रहती। कन्या भ्रूण हत्या करने और करवाने वालों को नवरात्रि में कन्या पूजन त्याग दें। दिखावे के जीवन का कोई मतलब नहीं।रामगंगा विहार में श्रीराम कथा की ज्ञान गंगा समापन के दौरान के कथा व्यास अतुल कृष्ण भारद्वाज ने भक्तों को कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ आगे आने का आह्वान किया।

पिछले दिनों अजमल कसाब को बेहद गोपनीय ढंग से फांसी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश का प्रधानमंत्री युवा होता तो अजमल को खुलेआम फांसी दी जाती। अमेरिका में राष्ट्रपति युवा है तो लादेन को उसके घर घुसकर अमेरिकी सेना ने मार गिराया। गद्दाफी को घेरकर मार दिया गया। हमारे देश की नीति पूरी तरह उल्टी है। आतंकवादियों को पाला जाता है। 

भागवत कथा सुनने मात्र से तर जाता जीवन

भागवत कथा सुनने मात्र से तर जाता जीवन कलश यात्रा में भक्ति धार ने किया सराबोर रामलीला मैदान लाइन पार में भागवत कथा मुरादाबाद। कथा व्यास अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि भागवत कथा सुनने मात्र से मनुष्य तर जाता है। भगवान श्री राम और श्री कृष्ण के नाम की महिमा अपार है। इसका वर्णन संभव नहीं है। प्रभु को जो अपने मन में बसा लेते हैं दुख उनके पास नहीं आता। महराज रामलीला मैदान लाइन पार में श्री मद् भागवत कथा की अमृत वर्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा जीवन में भक्ति में परिवर्तन लाने के लिये ग्रंथों का श्रवण करना जरूरी है। उन्हें सुनकर जीवन में उतारना चाहिये। उन्होंने प्रयाग राज और महाकुंभ के साथ नैमिषरणाय तीर्थ की महिमा का वर्णन किया। इससे पूर्व कथा आरंभ होने से पहले कलश यात्रा निकाली गई। विभिन्न क्षेत्रों से पील वस्त्र धारी महिलाएं कलश लेकर प्रकाश नगर चौराहे पर एकत्र हुईं। यहां सं भक्ति रस का प्रवाह करते हुए कथा स्थल पहुंचीं। इस दौरान ढोल बाजे के साथ भजनों ओर संकीर्तन की धुन ने श्रद्धालुओं को भक्ति भाव से तरबतर कर दिया।

न चेते तो और दूषित हो जाएगी गंगा एवं रामगंगा


न चेते तो और दूषित हो जाएगी गंगा एवं रामगंगा
28 Nov 2012 Moradabad 
मुरादाबाद। गंगा एवं रामगंगा दिनोंदिन दूषित हो रही हैं। अभी समय है, फिर भी न चेते तो आने वाली पीढ़ी को यह पवित्र नदियां पूरी तरह प्रदूषित मिलेंगी। सांस लेने से पहले सोचना पड़ेगा। वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण से अपने वातावरण को बचाना सभी की जिम्मेदारी है। यह आह्वान किया श्रीराम कथा के दौरान कथा व्यास अतुल कृष्ण भारद्वाज ने।

रामगंगा विहार में श्रीराम कथा शुभारंभ से पूर्व कलश यात्रा निकली जिसमें पीतांबर वस्त्र धारी 108 महिलाएं सिर पर कलश लेकर नगर भ्रमण पर निकली। 

कथा व्यास ने चरण की जगह घुटने छूने के नए चलन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि घुटनों को छूकर यमराज से मित्रता मत करिए। यमराज से मित्रता का मतलब तो सभी समझते हैं? घुटनों और कमर दर्द की वजह से कुर्सियों पर विराजमान लोगों खासकर महिलाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पश्चिम की तर्ज पर खड़े होकर किचन में काम करने से ही यह बीमारी बढ़ी है। कहा स्थान, भाव, काल, पुरुषार्थ और भगवत् कृपा से ही सत्संग का लाभ मिलता है। 

Monday 18 March 2013

रंगून में श्रीरामकथा

रंगून में श्रीरामकथा

अत्यंत हर्ष का विषय है की
पूज्य महाराज श्री अतुलकृष्ण जी के सानिध्य में श्रीरामकथा का भव्य आयोजन बर्मा (म्यांमार) देश के रंगून (यांगून) शहर में आयोजित . कथा का आयोजन सनातन स्वयंसेवक संघ एवं श्रीराम कथा सप्ताह समिति द्वारा माधव सेवाश्रम चांगो के सहयोग हेतु आयोजित है.

कथा के मुख्य आयोजक श्री शरवन बिजोरिया (रंगून) है.

इस अवसर पर आप भी सादर आमंत्रित है . आप भी आध्यात्मिक सत्संग के साथ साथ भारत के पूर्ववर्ती हिस्से को नजदीक से जानिए.

श्रीराम कथा
रंगून (म्यांमार) में
दिनांक 29 अप्रैल से 6 मई 2013