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राम का गुणगान करने वाला सदा सुखी
मोदीनगर\ मुलतानी मल मोदी डिग्री कालेज के प्रांगण में आयोजित रामकथा के दूसरे दिन कथा व्यास मानस मर्मज्ञ संत अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि राम के नाम का गुणगान करने वाला ही सदा सुखी रह सकता है। राम का नाम कल्याणकारी है। इसके जप से लोक परलोक दोनों सुधरते है। कथा के अवसर पर शिव महिमा का गुणगान सुन श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गए।
श्रीराम कथा आयोजन समिति के तत्वावधान में डिग्री कालेज में चल रही रामकथा के दूसरे दिन शनिवार को मानस मर्मज्ञ अतुल कृष्ण भारद्वाज ने राम नाम की महिमा का गुणगान किया। उन्होंने कहा कि राम का नामकरण करते समय गुरु वशिष्ठ ने कहा था कि जो राम के नाम का गुणगान करता है, वहीं सदा सुखी रहता है।
भगवान शिव के विवाह का सुंदर वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान शिव की जटाओं में पवित्रता की प्रतीक गंगा का निवास है। शिव के शीर्ष पर पूर्णिमा का चांद नहीं, अपितु दोज का चांद शोभायमान है। जिसका अर्थ सभी को सम्मान देना है। शिव का तीसरा नेत्र विवेक का प्रतीक है। हम विवेक के द्वारा ही काम, क्रोध जैसे शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकते है।
तारकासुरने तीनों लोकों पर विजय प्राप्त कर ली थी। जो धर्म पर कुतर्क और अधर्म का सम्मान करता है, वह आज भी तारकासुरका ही प्रतीक है। तारकासुरका अंत शिव के पुत्रों कार्तिकेय और गणेश के गुणों को धारण करके ही संभव है। हम सभी भगवान शिव की संतान है।

खरसिया में भव्य राम कथा 4 अगस्त से
हनुमान मंदिर गंज बाजार से निकलेगी भव्य कलश यात्रा
टाउन हाल मैदान खरसिया में होगी प्रभू चरित की अमृत वर्षा
रायगढ़ । परम कृपालू भगवान की अनन्य कृपा से प्रभू चरित कथा की अमृत वर्षा व्यास पूज्य संत श्री अतुल कृष्ण जी भारद्वाज के श्रीमुख से टाउन हाल मैदान खरसिया में 4 से 12 अगस्त तक श्रीराम कथा का अमृत वर्षा होगी। पूज्य संत विजय कौशल जी के शिष्य श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज श्रीराम कथा का अमृत वर्षा कर भक्तजन श्रद्घालुजनों के समक्ष राम कथा का गुणगान करेगें। राम कथा के आयोजक मुसद्दीलाल जय गोपाल फर्म के सुनील रामदास अग्रवाल ने बताया कि कलश यात्रा श्री हनुमान मंदिर गंज बाजार से 4 अगस्त को प्रात: 11 बजे अतुल कृष्ण भारद्वाज जी की एवं महिलाओं की भव्य कलश एवं शोभा यात्रा ढोल, मजीरा एवं करमा नृत्य दल के साथ निकलेगी। जो नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए टाउन हाल मैदान पहुचेगी। जहां अपरान्ह 3 से सायं 6 बजे तक कथा व्यास अतुल कृष्ण जी भारद्वाज द्वारा राम कथा का अमृत वर्षा कर श्रोताओं को सराबोर करेगें। कार्यक्रम का शुभारंभ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अमर अग्रवाल के कर कमलों से 4 अगस्त को अपरान्ह 3 बजे टाउन हाल मैदान खरसिया में किया जावेगा।

पूज्य संत विजय कौशल जी की शिष्य परंपरा के प्रथम पुष्प श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी बचपन से ही सेवा और संकल्प के पुंज रहे है। एक संपन्न परिवार में जन्म लेकर रसायन विज्ञान और पत्रकारिता में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने जीवन विज्ञान की सूक्ष्मताओं का मनन किया और अपने व्यक्त्वि उत्कर्ष की बजाये नगर-ग्राम में नर सेवा-नारायण सेवा व देश सेवा की राह मिली और उन्होंने मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम के चरित्र का गुणगान कर मानव निर्माण का कथा यज्ञ प्रारंभ किया। मनीषियों ने ठीक ही कहा है कि ज्ञान सेवा त्याग की त्रिवेणी में अवागहन कर चुके यौवन को प्रभु के श्रीचरणों में समर्पित कर देने से बड़ी कोई भक्ति नही। इसी भगद् पथ के पथिक है श्री अतुल कृष्ण जी भारद्वाज।

संत गोस्वामी तुलसीदास जी कृत रामचरित मानस के नाम से आज कौन परिचित नही है। यह ग्रंथ विश्व की अत्यधिक लोकप्रिय ग्रंथ है। सभी जाति धर्म के लोग इसका पठन कर रहे है। यही कारण है इसका सभी भाषाओं में अनुवाद किया गया है। रामचरित मानस का पाठ आज हर घर में आनंद व उत्साह पूर्वक होता है आज सभी धर्मो के प्रमुख संत, महात्मा, आचार्य, कथा वाचक अपने प्रवचनों में मानस की मर्म स्पर्शी व सारगर्भित चौपाईयों व दोहे का उदाहरण देकर अपने कथन की पुष्टि करते है।

मानस हमारे लिए भगवान श्रीराम का रूप है तथा इसके द्वारा सामाजिक, पारिवारिक, राजनैतिक सभी समस्याओं का समाधान संभव है। राम कथा के आयोजक मुसद्दीलाल जय गोपाल फर्म के सुनील रामदास अग्रवाल तथा आयोजन समिति के सदस्यों ने नगर के सभी धर्म प्रेमी भक्तजनों को 4 अगस्त को प्रात: 11 बजे श्री हनुमान मंदिर गंज बाजार से निकलने वाली भव्य कलश यात्रा में शामिल होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने का निवेदन किया है। श्रीराम कथा आयोजन समिति ने समस्त श्रद्घालु महिलाओं से आग्रह किया है कि वे कलश उठाने हेतु 11 बजे से पूर्व श्री हनुमान मंदिर गंज बाजार पहूंचे एवं कलश यात्रा में शामिल होकर पूण्य के भागी बने

महायज्ञ है श्रीराम कथा : अतुल कृष्ण
कुशीनगर: कथा वाचक अतुल कृष्ण भारद्वाज महराज ने कहा कि श्रीराम कथा महायज्ञ के समान है। जिसमें निर्मल पवित्र मन की आहुति देने पर पूरा जीवन ही धन्य हो जाता है। कथा सुनने का अवसर बड़े भाग्य से मिलता है। राम नाम के जप करने से ही जीवन मंगलमय हो जाता है।

वे शनिवार को स्थानीय रामजानकी मठ पर आयोजित श्रीराम महायज्ञ के दौरान श्रद्धालुओं को रामकथा का रसपान करा रहे थे। उन्होंने कहा कि जहां भी रामकथा होती है हनुमान जी विराजमान रहते हैं। उन्होंने भक्ति भाव पर बोलते हुए कहा कि किताब बाचने से भक्ति नहीं होती। भक्त वह है जो सबकुछ ईश्वर पर छोड़ दे, समर्पित हो जाये। जब यह भाव मन में होगा कि ईश्वर जो हमारा सबकुछ है और हमारे सारे कर्मो को देख रहा है तो कभी जीवन में गलत कार्य होंगे ही नहीं। हम यह सोचते हैं कि पर्दे के पीछे के हमारे कर्म कोई नहीं देख रहा है। नियन्ता तो सबकुछ देख रहा है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को इस जीवन को सत्कर्मो व राम भजन में लगाना होगा। वहीं हमारी असली पूंजी व जमा खाता है। अंत में कहा कि हर गुरू शंकर है। शंकर रूपी गुरू ही जीवन धन्य कर सकता है। महादेव का परिवार मंगल परिवार है जहां सदैव कथा होती रहती है। भगवान स्वयं कथा कहते हैं। मां उमा व महादेव में कोई क्लेश ही नहीं है। इसका अनुशरण कर ही हमारा परिवार भी मंगलमय बन सकता है।

मनुष्य को भक्तिमय जीवन व्यतीत करना चाहिए : पं. अतुल
इस्पात टाइम्स/रायगढ़। स्थानीय रामलीला मैदान में आयोजित राम कथा के कथा व्यास अतुल कृष्ण जी भारद्वाज के आगमन पर राम कथा आयोजन समिति के अध्यक्ष सुनील रामदास एवं सदस्यों ने श्री भारद्वाज का चरण स्पर्श कर उनका स्वागत किया गया। उनके कथा व्यासपीठ पर आसीन होने के बाद राजेन्द्र अग्रवाल, रामकुमार देवांगन ने माल्यार्पण कर अतुल कृष्ण जी भारद्वाज का मंच पर चरण स्पर्श कर स्वागत किए। कथा प्रारंभ होने के पूर्व अध्यक्ष सुनील रामदास द्वारा रामचरित मानस एवं भगवान श्रीराम के चित्र पर माल्यर्पण कर पूजा अर्चना किए। कथा प्रारंभ होने के पूर्व प्रो. अंम्बिका वर्मा ने कथा व्यास अतुल कृष्ण भारद्वाज का संक्षिप्त परिचय कराते हुए बताया कि वे रसायन शास्त्र में एम.एस.सी. और देश के प्रतिष्ठित संस्थान से पत्रकारिता में एम.ए.किए है। यदि आप धर्म संबोधनो से जुड़े नही होते तो निश्चित रूप से प्रभु चावला और रजत शर्मा जैसे उदयीमान प्रत्रकार होते। लेकिन यह देश का सौभाग्य है। कि श्रीराम कथा जैसे दिग्गज विद्वान से पूरा समाज प्रेरित और लाभांन्वित है। कथा आरंभ के पूर्व प्रोफेसर अंम्बिका वर्मा ने महाराज जी का आत्मीय परिचय प्रस्तुत करते हुए कल की कथा के चुनिंन्दे अंशों की चर्चा की। अपनी प्रभावशाली शैली से श्री वर्मा ने पिछली कथा के मुख्य कथ्य का सौंदर्य उदघाटित किया। अतुल कृष्ण भारद्वाज ने श्री राम जय राम जय-जय राम के भजन एवं संगीत से पूरा वातावरण को भक्तिमय कर दिया। श्रद्धालु श्रोतागण श्रीराम के सुमधुर भजन में लीन हो गये। उन्होंने संत तुलसीदास जी के त्यागमयी जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे खजरनाक नक्षत्र अभूक्त मूल नक्षत्र में पैदा हुए इस नक्षत्र में पैदा होने पर माता पिता एवं बंधु का नाश होता है इस डर से दनके पिता ने इन्हें शीघ्र जंगल में छोड़कर आने को कहा पर मां की ममता नही मानी उन्होने दासी से पालन पोषण करवाया एक वर्ष के भीतर दासी मर गई। मां-बाप भी मर गये अब तुलसी दास जी का आयु मात्र चार वर्ष का था । चार वर्ष का छोटा अबांध बच्चा कहां रहे क्या खाये ये समस्या उत्पन्न हो गई एक ऐसा समय आया कि तुलसी दास जी को अपना भुख को शांत करते के लिए कुत्तों के साथ पत्तल को चॉटना पड़ा एैसा समय भी उनके जीवन पर बिता है इसलिए सैसे महान संत को बारंबार प्रणाम है। नरहरि दास जी ने उन्हें संस्कार वान बनाया एवं गुरूमधुसून सरस्वती के पास कांशी विद्यार्जन के लिये भेजा त्रिदेव में ब्रम्हा भी अमर नही है और महादेव जी सबसे पुराने है। एवं उन्होंने कई बार सृष्टि को बनते बिगड़ते देया है। श्री भारद्वाज जी ने कहा कि एक बार पार्वती जी शंकर जी से पूछी आप आदि देवता है अजर अमर है आप इस सृष्टि के सत्य बात को बताईये तब प्रभु शंकर जी ने कहा सत्य हरि भजन है वही जीवन का सार है बाकि दुनिया मिथ्या है। गोस्वामी जी एक-एक चौपाई महा मणी मंत्र है जो हमारे मांथे पर लिखे हुए कुअंक को भी मिटा सकता है। मीरा बाई कलयुग की सबसे बड़ी भक्त हुई वो भक्ति में लीन होकर पत्थर में समा गई उन्हें संत रविदास जी ने राम मंत्र दिया था। हमारे देश में अनेक विभिन्नता होते हुए भी कई परंपरा एक समान है। हमारी संस्कृति एक जैसा है। चीता एक जैसा है। ज्ञान एक जैसा है पंरपरा का विकास एक समान होता है। दो हजार पांच सौ साल पहले आदिशंकराचार्य ने सनातन धर्म का प्रचार किया था।

प्रेम से प्रभु को याद करें तो प्रभु उन्हें अवश्य दर्शन देते है,अतुल कृष्ण भारद्वाज
बेगूसराय : स्थानीय गाधी स्टेडियम में आयोजित 6 दिवसीय श्री राम कथा प्रवचन में मंगलवार(8.3.2011) को अतुल कृष्ण भारद्वाज जी
महाराज के भक्ति रस से सराबोर कथा मेंश्रद्धालुओं ने खूब गोता लगाया,श्री भारद्वाज जी महराज द्वारा गाये जा रहे भजनों के दौरान
श्रोताओं के ताली बजाते हाथ नहीं थकते थे, प्रवचन से ऐसा भक्तिमय माहौल बन गया थाकि मानो स्टेडियम के हर कण में भगवान
श्री राम के दर्शन हो रहे थे, महाराज ने लोगों को प्रेम और शांति का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि प्रेम में इतनी शक्ति है कि स्पर्श मात्र से पत्थर
भीपानी पर तैरने लगता है,भक्त प्रेम से प्रभु को याद करें तो प्रभु उन्हें अवश्य दर्शन देते है, श्री राम को उन्होंने प्रेम का द्योतक बताते हुए कहा
कि प्रभु ने प्रेम मोह में पड़कर ही शबरी केजूठे बेर खाए इसलिये लोगों को कभी भी किसी से बैर नहीं रखना चाहिये, हमारा देश ही एक ऐसा देश
हैं जो विविधता में एकता का प्रतीक है, प्रवचन के दौरान हजारों की संख्या मेंश्रद्धालुओं ने प्रवचन का आनंद उठाया।


ज्ञान भक्ति वैराग्य के संतुलन से मोक्ष प्राप्ति: अतुल कृष्ण !
बलिया। राम कथा से जीवन में ज्ञान भक्ति और वैराग्य का उदय होता है और तीनों के बीच संतुलन भी स्थापित होता है यह कथा मनुष्य को मोक्ष के द्वार की चाफी प्रदान करती है क्योंकि मानव जीवन ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ देन है जिसके लिए देवता भी लालायित रहते हैं। उक्त उद्गार श्रीराम कथा आयोजन समिति द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीराम कथा के प्रथम दिवस अपने प्रवचन में पूज्य संत मानस मर्मज्ञ अतुल कृष्ण भारद्वाज ने व्यक्त किया। रामलीला मैदान के विशाल पण्डाल में आयोजित विद्या भारतीय सेवा न्यास को समर्पित कथा प्रारम्भ करते हुए अपने सम्मोहनकारी सुमधुर वाणी से श्री भारद्वाज ने राम कथा की विशेषताओं एवं प्रभावों का वर्णन किया। भगवान शिव द्वारा राम कथामृत पान के लिए कैलाश पर्वत से तमिलनाडु के कुम्भ कोड़म में अगत्स्य मुनि के आश्रम में जाने का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि अनन्य ज्ञानी कुम्भज ऋषि की पात्रता को देखकर भगवान शंकर ने उन्हे दक्षिणा स्वरूप भक्ति प्रदान किया। इसके पूर्व श्री भारद्वाज के नगर में प्रवेश करते ही टाउनहाल के मैदान से एक विशाल शोभा यात्रा निकाली गयी जिसमें हजारों स्त्री-पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए। कलश यात्रा में विभिन्न विद्यालयों के छात्रों ने बैण्ड बाजों के साथ भाग लिया। शोभा यात्रा में लक्ष्मण सिंह, गणेश शंकर गुप्त, राम गोपाल अग्रवाल, अनिल कुमार सिंह, विजय बहादुर सिंह, जय प्रकाश नारायण सिंह, डा. विनोद कुमार सिंह, संजय शुक्ल, शिवकुमार जी जैसे प्रमुख लोग भी शामिल थे।

जीवन में भगवान राम के आदर्शों को अपनाएं - राज्यपाल श्री दत्त
बिल्हा में सात दिवसीय रामकथा का शुभारंभ
रायपुर 13 नवंबर 2010
राज्यपाल श्री शेखर दत्त ने आज बिलासपुर जिले के विकासखण्ड बिल्हा में आयोजित सात दिवसीय रामकथा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक भी उपस्थित थें। उल्लेखनीय है कि यहां रामकथा का प्रवचन संत श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी महाराज द्वारा किया जा रहा है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन व आदर्शों का अनुकरण करने पर जोर दिया। राज्यपाल ने कहा कि रामकथा का श्रवण के पश्चात उसे कर्म में लाना महत्वपूर्ण है। उनका जीवन चाहे वे युवास्था में हो, पति के रूप में या पिता के रूप में, उनके जीवन का हर पल हमारे लिये आदर्श है। रामकथा का अनुश्रवण कर मन को शांति जहां मिलेगी वहीं मन परिष्कृत भी होगा। यह हमारा आदर्श है जिससे हमारी संस्कृति टिकी है। उन्होंने कहा कि हमारे प्राचीन धर्म ग्रन्थ हमें अध्यात्म व कर्म पथ पर चलने की प्रेरणा देते है। श्री दत्त ने कहा कि वास्तविक सुख व शांति व्यक्ति के भीतर है । इसके लिए दर-दर भटकने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से जहां जन-जन के कल्याण का संदेश जायेगा, वहीं समाज में विश्वबन्धुत्व-शांति की स्थापना होगी।
विधानसभा अध्यक्ष श्री धमरलाल कौशिक ने इस अवसर पर कहा कि रामकथा के श्रवण से व्यक्ति के विचारों, व्यवहार व कार्य में सकारात्मक परिवर्तन होगा। कार्यक्रम में प्रदेश के स्वास्थ्य एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री अमर अग्रवाल, कृषि मंत्री श्री चंद्रशेखर साहू, खाद्य मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले भी उपस्थित थे।