Saturday 23 March 2013

अभिमान को स्वामी नहीं दास बनाएं

 अभिमान को स्वामी नहीं दास बनाएं: अतुल कृष्ण
गाजियाबाद, जागरण संवाद केंद्र : मनुष्य को कभी अभिमान नहीं करना चाहिए। भक्ति के लिए जरूरी है कि आप अभिमान को स्वामी नहीं, बल्कि दास बनाए। अतुल कृष्ण भारद्वाज ने श्रीरामलीला समिति द्वारा कविनगर रामलीला मैदान में आयोजित रामकथा में यह बात कही। राम कथा के छठे दिन उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में भारत के संतों ने भक्ति भाव का प्रचार प्रसार किया। भारत के महापुरुष कभी अभिमानी नहीं रहे। उन्होंने कहा कि वनवास के दौरान राक्षसों के प्रकोप से सूख चुकी पंचवटी को भगवान राम ने हरा भरा किया। इस तरह भगवान ने संस्कृति की रक्षा के साथ पर्यावरण सुरक्षा का भी कार्य किया। कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं से कथा व्यास ने पर्यावरण संरक्षण में सहयोग देने को कहा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण बचेगा तो संस्कृति बचेगी, संस्कृति बचेगी तो भक्ति और भक्ति से जीवन को बचाया जा सकता है। अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि धर्म प्रेम सिखाता है और अर्धम घृणा का भाव जगाता है। मनुष्य को धर्म के रास्ते को अपना कर संपूर्ण प्रकृति से प्रेम करना चाहिए।

No comments:

Post a Comment