बदलते परिवेश में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में मानव जीवन की सहजता कहीं खो सी गई है। व्यक्ति,- परिवार, समाज और राष्ट्र के सह जीवन में बाह्य कारणों से आए बदलाव ने इनकी जीवन शक्ति को सोख लिया है। सुख की खोज के विकास के अंधेरों में डूबता, उतरता मनुष्य अंतर के सुख-संतो- ष, अपनों के स्नेह और संबंधों की ऊष्मा से वंचित हो रहा है।
श्रीराम का जीवन नर से नारायण तक की यात्रा का ऐसा उदाहरण है। जिससे हर व्यक्ति मार्ग दर्शन पा सकता है। प्रत्येक परिवार हर समस्या का समाधान खोज सकता है। समाज अपनी समरसता और श्रेष्ठता बनाए रखने के सूत्र खोज सकता है और राष्ट्र अपनी भूमि पर राम राज्य को पुनः साकार कर सकता है|
श्री राम के जीवन का संदेश लोगों तक पहुँचे ताकि लोक जीवन से विस्मृत हुए राम कथा के अनेक ऐसे प्रसंग जो मनुष्य की जीवन यात्रा का पाथेय बन सकें। राम कथा के माध्यम से सहज सरल शब्दों द्वारा लोक मंगल का यह अभियान मंगल भवन न्यास के प्रणेता मानस मर्मग्य श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज के द्वारा चलाने का संकल्प लिया गया है।
श्रीराम का जीवन नर से नारायण तक की यात्रा का ऐसा उदाहरण है। जिससे हर व्यक्ति मार्ग दर्शन पा सकता है। प्रत्येक परिवार हर समस्या का समाधान खोज सकता है। समाज अपनी समरसता और श्रेष्ठता बनाए रखने के सूत्र खोज सकता है और राष्ट्र अपनी भूमि पर राम राज्य को पुनः साकार कर सकता है|
श्री राम के जीवन का संदेश लोगों तक पहुँचे ताकि लोक जीवन से विस्मृत हुए राम कथा के अनेक ऐसे प्रसंग जो मनुष्य की जीवन यात्रा का पाथेय बन सकें। राम कथा के माध्यम से सहज सरल शब्दों द्वारा लोक मंगल का यह अभियान मंगल भवन न्यास के प्रणेता मानस मर्मग्य श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज के द्वारा चलाने का संकल्प लिया गया है।
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