स्थायी संपत्ति केवल भगवान नाम की है : अतुल कृष्ण
रायपुर - अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन द्वारा भनपुरी हे गोमाता दुर्गा मंदिर में आयोजित रामकथा में कथावाचक अतुल कृष्ण भारद्वाज महाराज ने कहा कि स्थायी संपत्ति केवल भगवान नाम की है जो हमेशा साथ रहती है और साथ जाती है। संपत्ति वही अच्छी है जो किसी का अहित करके न कमाई गई हो। विवाह संस्कार का उद्देश्य जीवन में केवल भोग के लिए नहीं होना चाहिए। संसार में मनुष्य के जीवन का उद्धार केवल राम के नाम से ही हो सकता है, भले ही भगवान का वह नाम उल्टा ही क्यों ना जाप करें।
उन्होंने कहा कि मनुष्य संसार में आकर भौतिक संपत्ति अर्जित कर रहा है लेकिन वह भगवान की वास्तविक संपत्ति प्राप्त करने की नहीं सोचता जो है जो हमेशा उसके साथ रहती है और साथ जाने वाली है। संपत्ति एकत्र करना बुरी बात नहीं है लेकिन वह किसी को नुकसान पहुंचाकर, किसी के साथ अत्याचार करके या किसी का अहित करके अर्जित नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसी संपत्ति मंगलकारी नहीं होती। जहां लक्ष्मी-श्रीनारायण के साथ घर में वास करती हैं उस घर में हमेशा सुख, समृद्धि और शांति रहती है और यही संपत्ति मंगलकारी भी होती है। महाराज ने कहा कि भगवान राम के नाम की महिमा इतनी है कि इसका पूरा दर्शन रामचरित्र मानस में प्राप्त होता है। राम-नाम के साथ-साथ उनके चरित्र को भी जीवन में उतारना महत्वपूर्ण है।
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